अपने मन की गेहराईयों से बहार निकाल के तो देखो।
मन के द्वबार् खोल के देखो ।
इन आसमानों में बहुत से रंग है ।
कभी मन की आखो से देखो ।
अपने मन की गेहराईयों से बहार निकाल के तो देखो।
मन के द्वबार् खोल के देखो ।
इन आसमानों में बहुत से रंग है ।
कभी मन की आखो से देखो ।
क्या बात है
बहुत सुंदर
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beautiful!
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Thanks
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👌👌👌
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Lajawab 👌🏻👌🏻👌🏻 amazingly penned in very few words 😍
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Thanks
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सच है सोनिया जी। अगर जज्बा और जज्बात हो तो कुछ भी असंभव नहीं।
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nice one
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